क्या कभी आपने गौर किया है कि आपकी आंखों के पास जो पलकें हैं, उनका साइज एक दूसरे से काफी अलग है. ऊपरी पलकें साइज में बड़ी होती हैं जबकि निचली पलकें छोटी होती हैं. देखा जाए तो ऊपर और नीचे के बाल दोनों ही आंखों पर उगे रहते हैं तो फिर उनका साइज (Why upper and lower eyelashes are different in size) अलग-अलग ही क्यों है. इसका जवाब हाल ही में सामने आया है और मुमकिन है कि आपको ये नहीं पता होगा.
द कनवर्सेशन नाम की वेबसाइट के अनुसार हर स्तनधारी जीव की पलकें (eyelashes facts) ऐसी ही होती हैं. यानी ऊपर की पलकें बड़ी और नीचे की छोटी (why upper eyelashes bigger than lower). इसका जो सबसे प्रमुख कारण है वो ये कि पलकें हमारी आंखों और आइबॉल्स को बचाने में मदद करती हैं. ऊपर की बड़ी आइलैशेज हमें अपने भावों को भी व्यक्त करने में मदद करती हैं. चलिए अब इसको एक-एक कर के समझने की कोशिश करते हैं.
ऊपरी पलकें बड़ी होने का होता है खास कारण
हमारी आंखों के ऊपरी हिस्से पर करीब 90 से लेकर 160 तक पलकें होती हैं जिनकी लंबाई 8 मिलीमीटर से लेकर 12 मिलीमीटर तक होती है. वहीं निचली पलकें 75 तक होती हैं और उनकी लंबाई 6-9 मिलीमीटर तक होती है. बड़ी और छोटी पलकें मिलाकर ये हमारी आंखों को किसी पर्दे की तरह बचाती हैं. एक का साइज बड़ा और दूसरे का छोटा होने से फायदा ये होता है कि जब हम आंखें बंद करते हैं तो ये पलकें एक दूसरे में इस तरह फिट हो जाती हैं कि ये पूरी तरह उसे ढक भी देती हैं बंद होने के बाद बाहर की तरफ लटकती भी नहीं हैं. इसे सील-पैक कंटेनर की तरह समझा जा सकता है. अब अगर दोनों ही पलकें छोटी होतीं तो आंखों में हवा घुस सकती थी. इसके अलावा अगर दोनों लंबी होती तो हवा और उसका गर्दा पलकों के नीचे जमा होने लगता. दोनों ही मामलों में आंखों पर बुरा असर पड़ता. इसके अलावा माथे से पसीना नीचे गिरता है तो वो ऊपरी पलकों के बड़े होने के कारण आंखों के अंदर नहीं जा पाता.
पलकों से जुड़े रोच तथ्य
ऊपर की बड़ी पलकें होने का फायदे ये भी होता है कि आप इससे अपने भावों को व्यक्त कर सकते हैं. नींद आने के वक्त पलकों को आप धीरे-धीरे हिलाकर किसी को ये बता सकते हैं कि आपको नींद लगी है. चलिए आपको साथ-साथ पलकों से जुड़े कुछ रोचक तथ्य भी बता देते हैं. शरीर के दूसरे बालों की तरह पलकों की जड़ों में मांसपेशियां नहीं होतीं जो बालों को खड़ा करने में मदद करते हैं. इस वजह से रोंगटे खड़े होने वाली स्थिति पलकों के साथ नहीं होती. करीब 5000 साल पहले से लोग अपनी पलकों को सजाने का काम कर रहे हैं. पलकें बाहर की तरफ इसलिए निकली रहती हैं जिससे जब हम पलकें झपकाएं तो हमारे ऊपर और नीचे के बाल एक दूसरे में उलझ ना जाएं. अगर हम अपनी पलकों को नोचकर निकाल दें तो उसे दोबारा उगने में करीब 2 महीने लग सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : June 20, 2022, 13:11 IST