Delhi Food Outlets: खाने-पीने के मामले में दिल्ली वालों को तो ‘चटोरा’ माना ही जाता है. उन्हें जहां भी चाट-पकौड़ी दिख जाएगी, वह वहां की खुशबू भी लेंगे और लगे हाथों कुछ खाएंगे भी. इसी का नतीजा यह है कि दिल्ली की अधिकतर सड़क, मार्केट, बाजार या चौक पर आपको इस तरह की दुकानें या ठिए दिख जाएंगे. ऐसे ही एक पुराने और मशहूर आउटलेट पर आज आपको लेकर चल रहे हैं. करीब 60 साल से यहां पर लोगों को चाट-पकौड़ी का आनंद दिलाया जा रहा है. बस फर्क यह है कि बदलते वक्त के साथ इस आउटलेट का मैन्यू बढ़ा होता गया. यहां अब तीसरी पीढ़ी लोगों के खानपान का ध्यान रख रही है.
चाट देख मुंह में आ जाएगा पानी
पुरानी दिल्ली सब्जी मंडी के घंटाघर से जब आप शक्ति नगर चौक की ओर चलेंगे तो दायीं ओर का इलाका कमला नगर कहलाता है. यहीं पर सालों पुरानी ‘राम चाट भंडार’ की दुकान है. इस दुकान की विशेषता यह है कि बाहर एक बड़े से तवे पर सलीके से कटे हुए आलू ऑयल में फ्राई किए जा रहे होंगे, साथ ही दाल की पिट्ठी से भरी आलू की टिक्की तलने की प्रक्रिया चल रही होगी. इस दुकान पर खोमचा स्टाइल कहे जाने वाले गोलगप्पे, भरवां गोलगप्पे, भल्ला पापड़ी, दही भल्ले, दम आलू, आलू चाट, टिक्की चाट, भेलपूरी से लेकर लच्छा टोकरी और राज कचौड़ी मिलेगी, जो किसी के भी मुंह में पानी ला सकती है. कुछ भी खाइए, सब मसाले, दही, सौंठ, चटनी आदि से लबरेज. स्वाद भी दिलकश.
यहां खोमचा स्टाइल में मिलने वाले फूड आइटम का स्वाद लाजवाब है.
लच्छा टोकरी का स्वाद है निराला
इस दुकान की लच्छा टोकरी की बात करते हैं. आप ऑर्डर करेंगे तो कांच के शोकेस में रखी लच्छा टोकरी को प्लेट में रखा जाएगा. यह लच्छा टोकरी असल में कटोरी के साइज की ही होती है और इसे बनाने के लिए आलू को मैश कर उसे बारीक भुजिया बनाने के लिए तैयार किया जाता है. फिर ऑयल में खांचा डालकर उसमें भुजिया बिछा दी जाती है. लच्छा टोकरी तैयार.
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इस टोकरी के अंदर मसालेदार आलू की लेयर बिछाई जाती है. फिर उसमें उबले छोले, मोठ, मसालेदार कचालू को भरा जाता है. इन सबके ऊपर नमक, स्पेशल चाट मसाला छिड़ककर दही, सौंठ, हरी व मिठी चटनी उंडेली जाती है.

यहां मिलने वाले फूड आइटम्स की कीमत 30 रुपये शुरू होती है और 110 रुपये अधिकतम है.
आखिर में पतली भुजिया की लेयर बिछा दी जाती है. यही मिश्रण खाते वक्त खट्टा, मीठा, चटपटा मजा देगा. स्वाद इतना जबर्दस्त कि पूरा खाकर ही चैन आएगा.
धीमी आंच पर सिकी आलू टिक्की का लें मज़ा
इनकी आलू की टिक्की भी लाजवाब है. इस टिक्की को बहुत ही धीमी आंच में फ्राई किया जाता है. ऐसा करने से वह ऊपर से तो कुरकुरी हो जाती है, लेकिन अंदर से मुलायम रहती है. पूरी तरह फ्राई होने के बाद गरमा-गरम टिक्की को प्लेट में डालकर उसके ऊपर दही, मसालेदार कचालू, हरी व मीठी चटनी लगाकर ऊपर से अदरक के लच्छे बिछा दिए जाते हैं. इसका स्वाद भी मन को तृप्त कर देगा. कहने का मतलब यह है कि इस भंडार पर कुछ भी खाएंगे, सबमें मजा मिलेगा. इनके आइटमों की कीमत 30 रुपये शुरू होती है और 110 रुपये अधिकतम है.
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1963 से चल रही है दुकान
इस दुकान को वर्ष 1963 में दरोगामल ने शुरू किया था. शुरू में टिक्की बेची, फिर भल्ले पापड़ी शामिल कर लिए. दुकान की कमान उनके बेटे रामराज के पास आई तो उन्होंने पिताजी से स्वाद की समझ सीखकर कुछ आइटम बढ़ा दिए. आज तीसरी पीढ़ी के रूप में उनके बेटे अश्विनी कुमार इस दुकान को संभाल रहे हैं. उन्होंने भी कई आइटम बढ़ा दिए. स्वाद तो पहले से ही जानदार था. उन्होंने बताया कि अधिकतर सामान खुद ही तैयार करते हैं. दादाजी ने स्वाद के जो मानदंड तय किए थे, वह आज भी चल रहे हैं. इसी का परिणाम है कि लोग सालों से दुकान पर आ रहे हैं. सुबह 10:30 काम शुरू हो जाता है और रात 10 बजे तक काम चलता रहता है. अवकाश कोई नहीं है. नजदीकी मेट्रो स्टेशन पुलबंगश है, लेकिन यहां तक आने के लिए रिक्शा लेना होगा.
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FIRST PUBLISHED : June 22, 2022, 08:32 IST