नई दिल्ली. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि ऑटो उद्योग को ईंधन और इंजीनियरिंग जैसे मुद्दों को संबोधित करते हुए जरूरत-आधारित रिसर्च के लिए आगे आना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस तरह के नजरिए से उद्योग गरीबों की मदद कर सकता है. पुणे में सोसाइटी ऑफ ऑटोमोटिव इंजीनियर्स इंडिया के रजत जयंती समारोह कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह नजरिया देश की आवश्यकताओं को समझने में भी मदद करेगा.
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि इससे क्वलिटी पर जोर देते हुए देश को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी. गडकरी ने एक सभा में कहा, “ऑटो उद्योग ईंधन से लेकर इंजीनियरिंग तक के मुद्दों पर देश की जरूरतों की समझ के साथ जरूरत-आधारित शोध करना चाहिए.”
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देश की सबसे बड़ी ताकतों में एस है ऑटोमोबाइल उद्योग
गडकरी ने इस बात पर जोर दिया कि ऑटोमोबाइल उद्योग देश की सबसे बड़ी ताकतों में से एक है, जो 7.5 लाख करोड़ रुपये का कारोबार करती है. इसमें 3.5 लाख करोड़ रुपये का निर्यात, 7.1 प्रतिशत का सकल घरेलू उत्पाद योगदान और 4.5 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करती है.
सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरिंग हब होगा भारत
इसके अलावा मंत्री ने उम्मीद जताई कि 2025 के अंत से पहले देश का ऑटो क्षेत्र दुनिया का सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरिंग हब बन जाएगा. पूरी दुनिया को निर्यात करेगा. उन्होंने कहा कि 2025 के अंत तक ऑटोमोबाइल सेक्टर 15 लाख करोड़ रुपये का सेक्टर बन जाएगा और 2.5-3 करोड़ नए रोजगार के अवसर पैदा करने में सक्षम होगा.
स्क्रैपेज पॉलिसी से कम होगी इंडस्ट्री की लागत
गडकरी ने व्हीकल्स स्क्रैपेज पॉलिसी 2021 के बारे में बात करते हुए कहा कि इससे ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में लागत को करीब 30 फीसदी तक कम करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा, “स्क्रैपेज नीति के कारण हम लागत को 30 प्रतिशत तक कम करने में सफल होंगे.”
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FIRST PUBLISHED : June 19, 2022, 17:44 IST